Thursday, September 4, 2008

पहेली पोस्ट के बाद दूसरा फेंका

इतने लोग पढ़ते हैं ब्लॉग। वह भी हिंदी का। एक छोटी-सी टिप्पणी पर बड़े कद वाले 18 लेखक-लेखिकाओं के कमेंट! मैं बेहद रोमांचित हूं। वाकई उन तमाम लोगों की शुक्रगुजार भी हूं, जिनकी प्रेरणा से मैंने ब्लॉग बनाने की बात सोची। नवभारत टाइम्स का खास कर, जहां छपे कॉलम ने मुझे ब्लॉग बनाने के लिए किसी और सहारे की जरूरत महसूस नहीं होने दी। ऋणी हूं मैं उन तमाम लोगों की जिन्होंने मेरे ब्लॉग का मुआयना किया। मुझे पढ़ा। मेरे लिखने को महत्व दिया। महज महत्व ही नहीं अपने बहुमूल्य बेचारों से मेरे ब्लॉग को सम्मानित भी किया। जी चाहता है, सबके ब्लॉग की लिंक मैं अपने ब्लॉग पर लगा लूं। पर मुझे नहीं पता कि इसके लिए उनकी परमिशन कैसे मिलेगी। अगर मेरे ब्लॉग का लिंक उनके ब्लॉग पर लग जाए, तो मैं समझूंगी उन्होंने मुझे इस ब्लॉग पर अपने ब्लॉग का लिंक लगाने का निमंत्रण दिया।

निमंत्रण

ओ महारथी
तुम सबके कमेंट मिले
तो मन में सवाल उठा
कि अरे खुशी तुम अब तक कहां थी?

वाकई,
इतना सम्मान
मेरी कविता जब पाए
मैं हो जाऊं निरुपाय
लगे कि भद्रजन भी बसते हैं यहां
नहीं सिर्फ चौपाये।

हे सुधिजन
आप हमेशा यहां आएं
अपने कमेंट से हमें
अपनी पलकों पे बिठाएं
मैं भूल जाऊं कि मैं कहां थी
किस बियाबान में
उड़ूं तो सिर्फ आपकी तारीफों की यान में...

-शुक्रिया एक बार फिर आप सबों का

10 comments:

जितेन्द़ भगत said...

'मैं भूल जाऊं कि मैं कहां थी
किस बियाबान में'
इस बि‍याबान से तो आपको सभी नि‍काल ले आएंगे
पर इस ब्‍लाग दुनि‍या का रास्‍ता बि‍याबान से भी अधि‍क पथरि‍ला और दुर्गम है।
इसलि‍ए ऐसा न सोचें कि‍-
''उड़ूं तो सिर्फ आपकी तारीफों की यान में...''

शेष के लि‍ए शुभकामनाऍं।

Nitish Raj said...

शुक्रिया तो हम लोग कर रहे हैं कि हमें आप को पढ़ने का मौका मिल रहा है। और दूसरी बात कि आप जब चाहें जिसका चाहें ब्लॉग अपने ब्लॉग के साथ लिंक कर सकती है इसमें परमीशन मांगने की जरूरत नहीं होती। ये आपका ब्लॉग है आप जिसका लिंक चाहें अपने साथ लगा सकती हैं बिग बी का भी। हां, पर कंटेंट के मामले में परमीशन की जरूरत पड़ती है। लिखते रहिए।

राजीव रंजन प्रसाद said...

लेखन जारी रखें..प्रसन्नता बही रहेगी।

संजय बेंगाणी said...

आप भाग्यशाली है जो पहली ही पोस्ट में इत्त्ती टिप्पणियाँ मिली, हमें तो तब एक ही मिल जाती तो उछल पड़ते थे :)

लेखन जारी रखें. शुभकामनाएं.

रंजन (Ranjan) said...

aapako badhai.

Anil Pusadkar said...

sudhijan aate rahenge,, jaate rahenge.koi aye ya na aye ,aap lekhan jaari rakhiye,achha likhye.aapko anant shubhkamnayen

mamta said...

खुशी आपकी पहली पोस्ट तो हमने नही पढ़ी थी पर आज आपकी दूसरी पोस्ट पढ़ी है । ब्लॉगजगत मे आपका स्वागत है।

संजय जी ने सही कहा है टिप्पणी के बारे मे। :)

Udan Tashtari said...

शुभकामनाऍं।

समय चक्र said...

लेखन जारी रखें..

Anonymous said...

आप खुशनसीब हैं जो ये सब आकर आपको पहली ही पोस्ट में कृतार्थ कर गये वरना यहाँ तो जमाना बीत गया इनमें से एक आध अदद लोगों ने ही हमारे यहाँ दस्तक दी।

बस ऐसे ही लिखते रहिये,